दोस्तों, जिंदगी एक ऐसी जंग है जिसे न तो जीता जा सकता है और न ही मैदान छोड़कर भागा जा सकता है. केवल और केवल रण क्षेत्र में ही रहकर लड़ना पड़ता है और जिंदगी जीना पड़ता है.
मैं एक इंसान हूँ, सभी लोगों की तरह! मुझमे एक खाशियत ज़रूर है और वो यह कि मैं आम इंसानों से थोडा हटकर सोचता हूँ! मैं सोचता हूँ मेरे बारे में इतना काफी है...!!!
1 comment:
Very Gud Yaar...
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